निर्द्वन्द
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क्योंकि द्वन्द्व कलह व युग्म इन दो अर्थों में वर्तता है। इसलिए निर्द्वन्द्व शब्द भी दो अर्थ होते है। निष्कलह अर्थात् किसी के साथ भी कलह से रहित तथा निर्युग्म अर्थात् भोग से रहित ।
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