नवधा भक्ति
आहार के लिए साधु को अपने घर के समीप आता देखकर श्रद्धापूर्वक भो स्वामिन् अत्र – अत्र’ ऐसा कहकर प्रतिग्रहण (पड़गाहना) करना, आदर- पूर्वक उच्च स्थान पर बिठाना, पाद प्रक्षालन करना, अष्ट द्रव्य से पूजन करना, मन शुद्धि वचन शुद्धि, काय शुद्धि और आहार शुद्धि बोलकर उन्हें नमोस्तु करना, यह नवधा भक्ति कहलाती है।