देश प्रत्यक्ष
जो ज्ञान द्रव्य क्षेत्र काल भाव में परिमित तथा बहुत प्रकार के भेद प्रभेदों से युक्त है वह देश प्रत्यक्ष है। अवधिज्ञान मनःपर्यय ज्ञान देश प्रत्यक्ष ज्ञान हैं, क्योंकि इनमें सकल प्रत्यक्ष का लक्षण नहीं पाया जाता। यह ज्ञान विनश्वर है तथा मूर्त पदार्थों में भी इसकी पूर्ण प्रवृत्ति नहीं देखी जाती। पारमार्थिकता का कारण पूर्ण निर्मलता है और वह पूर्ण निर्मलता केवलज्ञानी की तरह अवधि और मनःपर्ययज्ञान में भी अपने विषय में विद्यमान है। इसलिए वे दोनों भी पारमार्थिक हैं।