दूराद्श्रवणत्व
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जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को श्रोत- इन्द्रिय के उत्कृष्ट विषय क्षेत्र से भी संख्यात योजन दूर स्थित ध्वनि या शब्दों को सुनने की सामर्थ्य प्राप्त होती है उसे दूराद्श्रवणत्व – ऋद्धि कहते हैं।
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