गृहत्याग क्रिया
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गृहस्थाश्रम में कृतार्थता को प्राप्त होने पर योगि पूजा विधि पूर्वक अपने ज्येष्ठ पुत्र को घर की सम्पूर्ण सम्पत्ति व कुटुम्ब पोषण का कार्यभार सौं तथा धार्मिक जीवन बिताने का उपदेश देकर स्वयं गृहत्याग कर देना गृहत्याग क्रिया है।
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