क्षायिक भोग
समस्त भोगान्तराय कर्म के क्षय अतिशय युक्त क्षायिक अनन्त भोग उत्पन्न होता है जिससे (अर्हन्त अवस्था में) पुष्प वृष्टि आदि आश्चर्य प्रकट होते हैं।
समस्त भोगान्तराय कर्म के क्षय अतिशय युक्त क्षायिक अनन्त भोग उत्पन्न होता है जिससे (अर्हन्त अवस्था में) पुष्प वृष्टि आदि आश्चर्य प्रकट होते हैं।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now