कुश्रुतज्ञान
मिथ्यादर्शन के उदय के साथ होने वाला श्रुतज्ञान ही कुश्रुतज्ञान है अथवा चोर शास्त्र, हिंसा शास्त्र आदि तुच्छ और परमार्थशून्य अयोग्य उपदेश को श्रुताज्ञान या मिथ्याश्रुतज्ञान कहते हैं।
मिथ्यादर्शन के उदय के साथ होने वाला श्रुतज्ञान ही कुश्रुतज्ञान है अथवा चोर शास्त्र, हिंसा शास्त्र आदि तुच्छ और परमार्थशून्य अयोग्य उपदेश को श्रुताज्ञान या मिथ्याश्रुतज्ञान कहते हैं।
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