कालाव्ययापदिष्ट
हेत्वाभास साधन काल के अभाव हो जाने पर प्रयुक्त किया गया हेतु, कालव्ययापदिष्ट हैं। जैसे- शब्द लिखते हैं, संयोग द्वारा व्यक्त होने से रूपकी नांई। जिस हेतु का विषय साध्य प्रत्यक्ष आदि प्रमाणों से बाधित हो, वह कालाव्ययापदिष्ट हेत्वाभास है। जैसे—अग्नि ठण्डी है क्योंकि वो पदार्थ है। यहाँ पदार्थत्व हेतु अपने विषय ठण्डावन में हैं, जो कि अग्नि की गर्मी को ग्रहण करने वाले प्रत्यक्ष से बाधित हैं, प्रवर्त हैं। अतः अबाधित विषयता न होने के कारण पदार्थत्व हेतु कालाव्ययापदिष्ट हेत्वाभास है।