कंदमूल
मूलबीज, अग्रबीज, पर्वबीज, कंदबीज, स्कन्ध— बीज, बीजरूह और सम्मूर्मि ये सब वनस्पतियाँ अप्रतिष्ठित प्रत्येक और सप्रतिष्ठित प्रत्येक के भेद से दोनों प्रकार की होती हैं। सूरण आदि कंद, अदरख आदि मूल, छालि, स्कन्ध, पत्ता, कौंपल, पुष्प, फल, गुच्छा, करंजा आदि गुल्म, बेल तिनका और बेंत आदि ये सम्मूचर्न प्रत्येक अथवा अंतकायिक है। जल की काई, ईंट आदि की काई, कूड़े से उत्पन्न हुआ हरा, नीला रूप, जटाकार, आहार कांजी आदि से उत्पन्न काई ये सब बादरकाय जानो। जल, स्थल, आकाश सब जगह जगह सूक्ष्मकाय भरे हुए जानना।