ऐरावत क्षेत्र
रक्ता और रक्तोदा नामक नदियों के बीच अयोध्या नगरी है। इसमें एक ऐरावत नाम का राजा हुआ है। उसके द्वारा परिपालित होने के कारण इस क्षेत्र का नाम ऐरावत पड़ा है। भरत क्षेत्र के समान ही यहाँ भी उत्सर्पिणी अवसर्पिणी के रूप काल परिवर्तन होता है और त्रेसठ शलाका पुरुष उत्पन्न होते हैं। अढाई द्वीप में पाँच ऐरावत क्षेत्र हैं।