उपाधि
साधन के साथ अव्यापक और साध्य के साथ व्यापक हेतु को उपाधि कहते हैं। जैसे गर्भ में स्थित मैत्र का पुत्र श्याम वर्ण का है क्योंकि यह मैत्र का पुत्र है, मैत्र के पुत्रों की तरह यह अनुमान सोपादिक है क्योंकि यत्व हेतु शाकपाकजत्व उपाधि के ऊपर अवलम्बित है। विवक्षित किसी वस्तु में स्वयं रह कर उसको अनेकों वस्तुओं से जुदा करने वाला जो धर्म होता है, उसको उपाधि कहते हैं।