उपमान
प्रसिद्ध पदार्थ की तुल्यता से साध्य के साधन को उपमान कहते हैं जैसे- गौ की भांति गवय होता है ऐसा कहकर ‘गवय’ का रूप समझाना । उपमान के द्वारा स्व व पर की प्रतिपत्ति हो जाती है, इसलिए इसका श्रुतज्ञान में अन्तर्भाव हो जाता है।
प्रसिद्ध पदार्थ की तुल्यता से साध्य के साधन को उपमान कहते हैं जैसे- गौ की भांति गवय होता है ऐसा कहकर ‘गवय’ का रूप समझाना । उपमान के द्वारा स्व व पर की प्रतिपत्ति हो जाती है, इसलिए इसका श्रुतज्ञान में अन्तर्भाव हो जाता है।
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