उदयाभावी क्षय
1. जब सर्वघाती स्पर्धकों का उदय होता है तब तनिक भी आत्मा के गुण की अभिव्यक्ति नहीं होती, इसलिए उस सर्वघाती स्पर्धकों के उदय के अभाव को उदयाभावी क्षय कहते हैं । 2. जब सर्वघाती स्पर्धक अनन्तगुणहीन होकर देशघाती स्पर्धकों में परिणत होकर उदय में आते हैं तब उन सर्वघाती स्पर्धकों का अनन्तगुण हीनत्व ही क्षय कहलाता है।