उत्कर्ष समा
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दृष्टान्त धर्म को साध्य के साथ मिलाने वाली को उत्सर्ग समा कहते हैं। जैसेआत्मा डेल के समान क्रियावान है तो डेल के समान ही स्पर्शवान् भी हो जाओ। वादी यदि आत्मा डेल के समान स्पर्शवान् नहीं मानना चाहेगा तो आत्मा उसी प्रकार क्रियावान भी नहीं सकेगा।
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