उतरचरहेतु
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कोई उतरचरहेतु है जैसे एक मुहूर्त के पहले भरणी का उदय हो चुका है क्योंकि इस समय कृतिका का उदय अन्यथा नहीं हो सकता यहाँ कृतिका का उदय उतरचरहेतु है कारण कृतिका का उदय भरणी के उदय के बाद होता है इसलिए वह उसका उतरचर हेतु हुआ, उसको जानता है।
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