स्पर्शन
त्रिकाल विषयक निवास को स्पर्शन कहते हैं अथवा जो भूतकाल में स्पर्श किया है और वर्तमान में स्पर्श किया जा रहा है वह स्पर्शन कहलाता है। अस्तित्व का प्रतिपादन करने वाली सत्प्ररूपणा है जिन पदार्थों के अस्तित्व का ज्ञान हो गया है उनके परिमाण का कथन करने वाली संख्या प्ररूपणा है। वर्तमान क्षेत्र का वर्णन करने वाली क्षेत्र प्ररूपणा है अतीत स्पर्श और वर्तमान स्पर्श का वर्णन करने वाली स्पर्शन प्ररूपणा है। –