स्थापना सत्य
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जो अरहंत आदि की पाषाणादि में स्थापना की जाती है वह स्थापना सत्य है । पदार्थ के न होने पर भी कार्य के लिए जो जुएँ के पासे आदि निक्षेपों में स्थापना की जाती है, वह स्थापना सत्य है।
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