संभवनाथ
तीसरे तीर्थंकर | श्रावस्ती नगरी के राजा दृढ़राज इनके पिता थे और रानी सुषेणा माँ थी। इनकी आयु साठ लाख वर्ष पूर्व थी । शरीर चार सौ धनुष ऊँचा था। चिरकाल तक राज्य करने के उपरान्त एक दिन मेघों का विलय देखकर संसार से विरक्त हो गए और पुत्र को राज्य देकर जिनदीक्षा ग्रहण कर ली । चौदह वर्ष तक तपस्या के फलस्वरूप इन्हें केवलज्ञान हुआ। इनके संघ में चारूदत्त आदि एक सौ पाँच गणधर, दो लाख मुनि, तीन लाख आर्यिकाएँ, तीन लाख श्रावक और पाँच लाख श्राविकाएँ थीं। इन्होंने सम्मेदशिखर से मोक्ष प्राप्त किया ।