विजयार्द्ध पर्वत
यह एक रमणीय पर्वत है। इस पर विद्याधरों का निवास है। यह पच्चीस योजन ऊँचा, पचास योजन चौड़ा और सवा छह योजन गहरा है। इसका रंग चाँदी के समान है। जम्बूद्वीप में विदेह सम्बन्धी बत्तीस तथा भरत और ऐरावत क्षेत्र सम्बन्धी एक–एक ऐसे चौंतीस विजयार्ध पर्वत हैं। यहाँ कर्मभूमि के योग्य षट्कर्म होते हैं। विशेषता यह है कि यहाँ विद्याधर- मनुष्यों को जन्म से प्राप्त विद्याएँ इच्छानुसार फल देती हैं और सदा चौथा काल रहता है। चक्रवर्ती के विजय क्षेत्र की आधी सीमा इसी पर्वत के द्वारा निर्धारित होती है इसलिए इस पर्वत का नाम विजयार्द्ध- पर्वत रखा गया है।