विकार्य
कर्त्ता के द्वारा पदार्थ में विकार्य (परिवर्तन) करके जो कुछ किया जाये वह कर्त्ता का विकार्य कार्य है। जैसे- दूध दही बनना। विभाव गुण पर्याय द्रव्य का विकार्य कर्म है क्योंकि अन्य द्रव्य के साथ सयोग होने पर गुण जो अपने स्वभाव से च्युत हो जाते हैं, उसे ही विकार्य कहा गया है। जैसेदूध से दही बनाना ।