वाक् छल
वक्ता के किसी साधारण शब्द के प्रयोग करने पर उसके विवक्षित अर्थ की जानबूझ कर उपेक्षा पर अर्थान्तर की कल्पना करके वक्ता के वचन के निषेध करने को वाक्छल कहते हैं। जैसे- वक्ता ने कहा कि इस ब्राह्मण के पास नव कम्बल है। हम जानते हैं कि नव कहने का अभिप्राय वक्ता का नूतन से है फिर भी दुर्भावना से उसके वचनों का निषेध करने के लिए नव का अर्थ नौ संख्या करके पूछते हैं कि इस ब्राह्मण के पास नौ कम्बल कहा है।