लोभ
धन आदि की तीव्र आकांक्षा या गृद्धि होना लोभ है । अथवा बाह्य पदार्थों में जो यह मेरा है इस प्रकार अनुरागरूप बुद्धि होती है, वह लोभ है अथवा योग्य स्थान पर भी धन का व्यय नहीं करना यह लोभ है। यह किरमिची रंग, काजल, कीचड़ और हल्दी के रंग के समान चार प्रकार का है। लोभ के चार भेद हैं- जीवन लोभ, आरोग्य लोभ, इन्द्रिय लोभ और उपभोग लोभ । ये चारों भी प्रत्येक स्व और पर की अपेक्षा दो- दो प्रकार के हैं।