लोकोत्तरवाद
लोक शब्द का अर्थ लोक ही है। जिसमें जीव आदि पदार्थ देखे जाते हैं, उसे लोक कहते हैं। वह तीन प्रकार का है- उर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक । जिसके द्वारा इस लोक का कथन किया जाता है, वह सिद्धांत लोकोपवाद कहलाता है। लोकात्तर पद का अर्थ अलोक है, जिसके द्वारा उसका कथन किया जाता है, वह श्रुत लोकोत्तरवाद कहा जाता है।