भूतनैगमनय
अतीत में हुए कार्य में आज हुआ है ऐसा वर्तमान का आरोप या उपचार करना भूत नैगमनय है। आज दीपावली के दिन भगवान वर्धमान मोक्ष गये है, ऐसा कहना भूत नैगमनय है। भूत नैगमनय की अपेक्षा से भगवन्त सिद्धों को भी व्यंजन पर्यायवानपना और अशुद्धपना सम्भावित होता है क्योंकि पूर्व काल में वे भगवन्त संसारी थे ऐसा व्यवहार है। अन्तरात्मा व बहिरात्मा दोनों घी के घड़े वत् भूतपूर्व नय से जानने चाहिए।