प्रत्याख्यानावरण
जिसके उदय में जीव संयम रूप सम्पूर्ण विरति का पालन करने में समर्थ नहीं होता है, वह प्रत्याख्यानावरण है। प्रत्याख्यानावरण का अर्थ महाव्रत है। महाव्रतों को आवरित करने वाला कर्म प्रत्याख्यान है यह क्रोध, मान, माया और लोभ इन चारों रूपों में है। प्रत्याख्यानावरण का वासना काल एक पक्ष अर्थात् 15 दिन है।