पुद्गलबन्ध
- Home
- पुद्गलबन्ध
दो, तीन आदि पुद्गलों का जो समवाय संबंध होता है वह पुद्गल बंध कहलाता है। जिस स्निग्ध और रूक्ष आदि गुण के कारण पुद्गलों का बंध होता है, उसकी पुद्गलबंध संज्ञा है। मिट्टी आदि के पिण्ड रूप जो बहुत प्रकार का बंध होता है वह तो केवल पुद्गल बंध है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now