परमाणु
पुद्गल द्रव्य के अविभागी अंश को परमाणु कहते हैं। सब द्रव्यों में जिसकी अपेक्षा अन्य कोई अणुतर न हो वह परमाणु है। परमाणु अप्रदेशी है अर्थात् उसके मात्र एक प्रदेशी होता है इसमें स्पर्श, रस, गंध और वर्ण ये चारों गुण पाए जाते हैं परमाणु चार प्रकार के कहे गए हैं कार्य व कारण परमाणु, जघन्य और उत्कृष्ट परमाणु स्कंध के विघटन से उत्पन्न होने वाला कर्म परमाणु है तथा जिन परमाणुओं के मिलने से कोई स्कंध बने वे कारण परमाणु है एक गुण स्निग्धता या रूक्षता होने से जो बंध के अयोग्य है ऐसा जघन्य परमाणु है तथा दो गुण वाले से चार गुण वाले का बंध तथा तीन गुण वाले से पाँच गुण वालों का बंध होता है यह उत्कृष्ट परमाणु है। परमाणु आदि मध्य और अन्तहीन होता है ऐसे अनन्त परमाणु है जो आज तक स्कन्ध रूप नहीं हुए थे आगे भी नहीं होंगे एक परमाणु के एक रस गुण एक वर्ण गुण एक गंधगुण तथा दो स्पर्श गुण पाए जाते हैं गुरू, लघु, मृदु व कठोर स्पर्श परमाणु में नहीं पाए जाते । परमाणु को गोल और चौकोर दो आकार वाला माना गया है ।