निश्चय
परमार्थ का विशेष रूप से तथा संशयादि रहित अवधारणा निश्चय है। श्रद्धान, रूचि, निश्चय अर्थात् यह इस प्रकार ही है ऐसी निश्चित बुद्धि सम्यग्दर्शन है।
परमार्थ का विशेष रूप से तथा संशयादि रहित अवधारणा निश्चय है। श्रद्धान, रूचि, निश्चय अर्थात् यह इस प्रकार ही है ऐसी निश्चित बुद्धि सम्यग्दर्शन है।
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