निर्वाण
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आत्मा की परम विशुद्ध अवस्था का नाम निर्वाण है अथवा निर्वाण का अर्थ विनाश है, अतः सर्व कर्मों का विनाश होना ही निर्वाण है। या जहाँ पीड़ा, बाधा, जन्म, मरण आदि नहीं है वही निर्वाण है।
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