निक्षेप
नाम स्थापना आदि के द्वारा वस्तु में भेद करने के उपाय को निक्षेप कहते हैं या जो अनिर्णित वस्तु का निर्णय कराये उसे निक्षेप कहते हैं। नाम, थापना, द्रव्य और भाव ये चार निक्षेप हैं । लोक-व्यवहार में एक ही वस्तु के लिए नाम आदि चारों निक्षेप देखने में आते हैं, जैसे- किसी व्यक्ति का नाम सेवक है। किसी सेवक का चित्र भी सेवक कहलाता है। जो सेवाकार्य से निवृत्त है या आगे सेवा कार्य करेगा, वह भी सेवक माना जाता है। जो वर्तमान में सेवा कार्य कर रहा है वह भी सेवक है।