नमिनाथ
इक्कीसवें तीर्थंकर । मिथिला नगरी के राजा विजय और रानी वप्पिला के पुत्र थे । इनकी आयु दस हजार वर्ष थी । शरीर स्वर्ण के समान आभा वाला और पंद्रह धनुष ऊँचा था । पाँच हजार वर्ष राज्य करने के उपरांत वैराग्य उत्पन्न हुआ और पुत्र को राज्य देकर जिनदीक्षा ले ली। नौ वर्ष तक कठिन तपस्या के उपरांत केवलज्ञान प्राप्त हुआ । इनके संघ में सुप्रभार्य आदि सत्रह गणधर, बीस हजार मुनि, पैंतालीस हजार आर्यिकाएँ, एक लाख श्रावक और तीन लाख श्राविकाएँ । इन्होंने सम्मेद शिखर से मोक्ष प्राप्त किया ।