कार्य समाजाति
प्रयत्न के आन्तरीयकत्व ( प्रयत्न से उत्पन्न होने वाला) शब्द अनित्य है जिसके अनन्तर स्वरूप का लाभ है वह न होकर होता है। जैसेघटादि कार्य अनित्य हैं। और जो होकर नहीं होता है ऐसी अवस्था रहते प्रयत्नकार्यानिकत्वात् यह प्रतिषेध कहा जाता है।
प्रयत्न के आन्तरीयकत्व ( प्रयत्न से उत्पन्न होने वाला) शब्द अनित्य है जिसके अनन्तर स्वरूप का लाभ है वह न होकर होता है। जैसेघटादि कार्य अनित्य हैं। और जो होकर नहीं होता है ऐसी अवस्था रहते प्रयत्नकार्यानिकत्वात् यह प्रतिषेध कहा जाता है।
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