कारण चतुष्टय
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सहज शुद्ध निश्चय नय से अनादि अनन्त, अमूर्त, अतीन्द्रिय, सहज परमवीतराग सुखात्मशुद्ध, अनन्तत्वस्वरूप जो स्वभाव अनन्तचतुष्टय का स्वरूप तथा सादि अनन्त अमूर्त अतीन्द्रियस्वभाव वाले शुद्धसद्भूतव्यवहार से केवलज्ञान, केवलदर्शन, केवलशक्तियुक्त फलरूप चतुष्टय ।
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