ऋद्धि गारव Posted by kundkund Date July 23, 2026 Comments 0 commentशिष्य, पुस्तक, कमण्डलु आदि के द्वारा अपना बड़प्पन या अभिमान प्रकट करना ऋद्धिगारव नामक दोष है। चार प्रकार के संघ को अपना भक्त बनाने के अभिप्राय से वन्दना आदि करना ऋद्धि गारव नामक दोष है।Share:ABOUT INSTRUCTOR kundkund Previous post ज्ञानावर्ण July 23, 2026You may also like ज़िनागम का सार भाग 1 30 November, 2024 antarang tap 19 April, 2024antarang tap अंतरंग तप 5 September, 2023