उपशम सम्यक्त्व
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दर्शन मोहनीय कर्म के उपशम से आत्मा में जो निर्मल श्रद्धान उत्पन्न होता है उसे उपशम सम्यक्त्व कहते हैं। यह दो प्रकार का हैप्रथमोपशम – सम्यक्त्व और द्वितीयोपशम – सम्यक्त्व |
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