इच्छाकार
1. सम्यग्दर्शन व व्रतादि शुभ परिणामों में हर्ष होना, अपनी इच्छा से प्रवर्तना, वह इच्छाकार है। अर्थात् उनमें अपनी इच्छा से मन को लगाना । 2. ऐलक क्षुल्लक आदि उत्कृष्ट श्रावक व श्राविका के प्रति विनय या आदर भाव प्रकट करना इच्छाकार कहलाता है।
1. सम्यग्दर्शन व व्रतादि शुभ परिणामों में हर्ष होना, अपनी इच्छा से प्रवर्तना, वह इच्छाकार है। अर्थात् उनमें अपनी इच्छा से मन को लगाना । 2. ऐलक क्षुल्लक आदि उत्कृष्ट श्रावक व श्राविका के प्रति विनय या आदर भाव प्रकट करना इच्छाकार कहलाता है।
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