आहवानन्
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आहवानन का अर्थ आमंत्रण है। भावों की एकाग्रता के लिए पूजा के प्रारम्भ में जिनेन्द्र भगवान को हृदय में बिठाने या आमंत्रित करने के प्रतीक स्वरूप पुष्पक्षेपण करके आह्वानन् की क्रिया की जाती है।
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