दर्शन
- दक्षिण धातकीखंड का स्वामी देव–देखें व्यंतर – 4।
- दर्शन (उपयोग)–देखें दर्शन उपयोग।
दर्शन—(षड्दर्शन)
दर्शन सामान्यावबोध लक्षणवाला शासन है। (दर्शन शब्द ‘दृश’ देखना) धातु से करण अर्थ में ‘ल्युट्’ प्रत्यय लगाकर बना है। इसका अर्थ है जिसके द्वारा देखा जाये। अर्थात् जीवन व जीवन विकास का ज्ञान प्राप्त किया जाये। षड्दर्शन समुच्चय/3/10
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