गुणस्थानों के विभिन्न विभाजन
गुणस्थानों के विभिन्न विभाजन | ||||||||||||||
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विरत | केवल ज्ञानी | सर्वज्ञ | परमगुरु | अप्रमत्त | वीतरागी | अनन्त सुखी | परमात्मा | शुद्धोपयोग | धार्मिक | |||||
12 क्षीणमोह | छद्मस्थ | अप्रमत्त गुरु | अतीन्द्रिय सुखी | अंतरात्मा | ||||||||||
उपशम श्रेणी | ||||||||||||||
10सूक्ष्मसाम्पराय | क्षपक श्रेणी | मिश्र | मिश्र | सूक्ष्म-साम्परायिक चारित्र | ||||||||||
9 अनिवृतिकरण | ||||||||||||||
7 अप्रमत्तसंयत | प्रमत्ताप्रमत्त गुरु | |||||||||||||
6 प्रमत्तसंयत | प्रमत्त | शुभोपयोग | ||||||||||||
5 देशविरत | विरताविरत | |||||||||||||
4 अविरत | अविरत | असंयम | ||||||||||||
3 मिश्र | मिश्र | रागी | दुखी | बहिरात्मा | अशुभोपयोग | अधार्मिक | ||||||||
2 सासादन | ||||||||||||||
1 मिथ्यात्व |
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