पुरुषार्थसिद्ध्युपाय -आचार्य अमृतचन्द्र रचित ग्रंथ है । इसमें कुल 14 अधिकार कुल 226 गाथाएं है ।
प्रवचनसार – कुन्दकुन्दाचार्य 275 गाथा nikkyjain@gmail.com Date : 17-Nov-2022 Index अधिकार ज्ञानतत्त्व-प्रज्ञापन-अधिकार ज्ञेयतत्त्व-प्रज्ञापन-अधिकार चरणानुयोग-चूलिका-अधिकार परिशिष्ट Index गाथा / सूत्र विषय 000_index) विषयानुक्रमणिका 000_मंगलाचरण) टीकाकार (अमृतचंद्रआचार्य और जयसेनाचार्य) द्वारा मंगलाचरण ज्ञानतत्त्व-प्रज्ञापन-अधिकार 001) तीर्थ-नायक को प्रणमन 002) पंच परमेष्ठी को नमस्कार 003) …
भाव-पाहुड + मंगलाचरण कर ग्रन्थ करने की प्रतिज्ञा – णमिऊण जिणवरिं दे णरसुरभवणिंदवंदिए सिद्धे वोच्छामि भावपाहुडमवसेसे संजदे सिरसा ॥1॥ नमस्कृत्य जिनवरेन्द्रान् नरसुरभवनेन्द्रवंदितान् सिद्धान् । वक्ष्यामि भावप्राभृतमवशेषान् संयतान् सिरसा ॥१॥ सुर-असुर-इन्द्र-नरेन्द्र वंदित सिद्ध जिनवरदेव अर । सब संयतों को नमन कर …
मूलाचार – वट्टकेराचार्य nikkyjain@gmail.com Date : 17-Nov-2022 Index अधिकार अनगार-भावना Index गाथा / सूत्र विषय 001) मंगलाचरण 002-003) मूलगुण के नाम 004) महाव्रतों के नाम 005) अहिंसा महाव्रत 006) सत्य महाव्रत 007) अचौर्य महाव्रत 008) ब्रह्मचर्य महाव्रत 009) परिग्रह महाव्रत …
मोक्ष-पाहुड + मंगलाचरण और ग्रन्थ लिखने की प्रतिज्ञा – णाणमयं अप्पाणं उवलद्धं जेण झडियकम्मेण चइऊण य परदव्वं णमो णमो तस्स देवस्स ॥1॥ परद्रव्य को परित्याग पाया ज्ञानमय निज आतमा । शत बार उनको हो नमन निष्कर्म जो परमातमा ॥१॥ अन्वयार्थ …