मोक्षमार्ग में चारित्र आदि की मूल होने से श्रद्धा को प्रधान कहा है। यद्यपि अंध श्रद्धान अकिंचित्कर होता है तथापि सूक्ष्म पदार्थों के विषय में आगम पर अंध श्रद्धान करने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं। सम्यग्दृष्टि का यह अंध श्रद्धान …
इंद्रियों द्वारा विवक्षित पदार्थ को ग्रहण करके उससे संबंधित अन्य पदार्थ को जानना श्रुतज्ञान है। वह दो प्रकार का है – अर्थलिंगज व शब्दलिंगज। पदार्थ को जानकर उसमें इष्टता अनिष्टता का ज्ञान अथवा धूम को देखकर अग्नि का ज्ञान अर्थलिंगज …