जीव के शरीर पाँच प्रकार के माने गये है – औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैजस व कार्माण। ये पाँचों उत्तरोत्तर सूक्ष्म हैं। मनुष्य तिर्यंच का शरीर औदारिक होने के कारण स्थूल व दृष्टिगत है। देव नारकियों का वैक्रियिक शरीर होता है। …
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