चार संज्वलन कषाय और नव नोकषाय, इन तेरह के तीव्र उदय का नाम प्रमाद है । सिद्धांतकोष से प्रमाद कषाय के अर्थ में सर्वार्थसिद्धि/7/13/351/2प्रमादः सकषायत्वं ।= प्रमाद कषाय-सहित अवस्था को कहते हैं । धवला 7/2, 1,7/11/11चदुसंजलण-णवणोकसायाणं तिव्वोदओ ।= चार संज्वलन कषाय …
atonement प्रतिसमय लगने वाले अंतरंग व बाह्य दोषों की निवृत्ति करके अंतर्शोधन करने के लिए किया गया पश्चात्ताप या दंड के रूप से उपवास आदि का ग्रहण प्रायश्चित कहलाता है, जो अनेक प्रकार का होता है । बाह्य दोषों का …