चौथी नरकभूमि, अपरनाम अंजना । यहाँ दस लाख बिल है । नारकियों की उत्कृष्ट आयु दस सागर प्रमाण तथा उनके शरीर की ऊँचाई बासठ धनुष दो हाथ होती है । वे मध्यम नील लेश्या वाले होते हैं । महापुराण 10.31-32, 90-94, …
रत्नप्रभा पृथिवी के तीन भागों मै द्वितीय भाग । यह भाग चौरासी हजार योजन मोटा है । यहाँ राक्षसों और असुरकुमारों के रत्नमय देदीप्यमान भवन होते हैं । हरिवंशपुराण 4.47-50 पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ