द्वादशांग श्रुतज्ञान का छठा अंग–देखें श्रुतज्ञान – III पूर्व पृष्ठअगला पृष्ठ
द्वादशांगश्रुत का छठा अंग । इसमें पाँच लाख छप्पन हजार पद हैं । महापुराण 34.140 हरिवंशपुराण 2. 93, 10.26 पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ
अंग द्रव्यश्रुतज्ञान का पाँचवा पूर्व–देखें श्रुतज्ञान – III। पूर्व पृष्ठ अगला पृष्ठ