“disintegration” or “separation”. उपशम व क्षायिक सम्यक्त्व प्राप्ति विधि में अनंतानुबंधी क्रोध, मान, माया, लोभ का अप्रत्याख्यानादि क्रोध, मान, माया, लोभ रूप से परिणमित हो जाना विसंयोजना कहलाता है। विसंयोजना का लक्षण कषायपाहुड़/2/2-22/246/219/6 का विसंयोजना।अणंताणुबंधिचउक्कक्खंधाणं परसरूवेण परिणमनं विसंयोजना।= अनंतानुबंधी चतुष्क के स्कंधों …