गुणस्थान काल जीवों की संख्या (उत्कृष्ट) मुक्त होने के लिए अनिवार्य गुणस्थान जीव सदाकाल पाए जाते हैं जघन्य उत्कृष्ट मनुष्यों की चारों गतियां 1 मिथ्यात्व अन्तर्मुहूर्त अनादि अनन्त अनादि सान्त सादि सान्त – कुछ कम अर्ध पुद्गल परावर्तन पर्याप्त – २९ अंक प्रमाण अपर्याप्त – असंख्यात अनंतानान्त ✔ ✔ …
सामान्य से गुणस्थानों में कर्मों के उदय गुणस्थान उदय अनुदय व्युच्छिति 14 अयोगकेवली 12 110 12 वेदनीय (कोइ १), उच्च गोत्र, मनुष्य गति, मनुष्य आयु, पंचेन्द्रिय जाति, त्रस, बादर, पर्याप्त, सुभग, आदेय, यशःकीर्ति, तीर्थंकर 13 सयोगकेवली 42 +1(तीर्थंकर) 80 …
समय सार / गाथा /१८१—१८३ #उपयोग उपयोगमें है क्रोधादि [ भावकर्मों ) में कोई भी उपयोग नही है। और क्रोध ( भाव कर्म ) क्रोध में ही है, उपयोग मे निश्चय से क्रोध नहीं है ।१८९॥ आठ प्रकारके (द्रव्य ) …
वस्तु का स्वरूप जानने का रहस्य वस्तु में ही छुपा है और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण कि उसे जानने के लिए आपके पास आपके ज्ञान के सिवा कोई अन्य द्रव्य मौजूद नहीं है। अर्थात यदि कुछ भी जानना है वह …