भेद प्रभेद
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अहो! गुरुदेव आपका ही तो उपकार है जो आत्मा को गहराई से जानने का अवसर मिला। आत्मा की अनुभूति करना बहुत ही तार्किक और लॉजिकल है क्योंकि उसके बिना सुख पाना संभव ही नहीं। अहो सुख पाने का तो एक …
वस्तु का स्वरूप जानने का रहस्य वस्तु में ही छुपा है और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण कि उसे जानने के लिए आपके पास आपके ज्ञान के सिवा कोई अन्य द्रव्य मौजूद नहीं है। अर्थात यदि कुछ भी जानना है वह …