20 Januaryपरसमय Posted by kundkund Categories Blog Comments 0 commentजितने भी वचन -मार्ग हैं, उतने ही नयवाद, अर्थात् नयके भेद हैं। और जितने नयवाद हैं, उतने ही परसमय हैं ॥ ८७ ॥ – षट खंडागम Read More