अन्त के काण्डक की अन्त की फाली के सर्वप्रदेशों में से जो अन्य प्रकृति रूप नहीं हुए हैं, उन परमाणुओं का अन्य प्रकृति रूप होना वह सर्वसंक्रमण है।
सर्व प्रकार से आत्मा के गुणों को आच्छादन करने वाली जो कर्मों की शक्तियाँ हैं उनको सर्वघातक स्पर्धक कहते हैं।